प्रेरणादायक कहानियां
स्त्रियों को पट्टी पढ़ाकर पौदनिया अपने घर आया | वैसे वह राजा के यहां नौकर था | भला राजा के नौकर पर कौन शक करता | उसने उसी रात एक गली में समोसे की दुकान खोली | कड़ाके की सर्दी थी | चारों सिपाही पौदनिया को खोजते हुए उसकी दुकान के पास पहुंचे | आधी रात को गरम-गरम समोसे बनते देख उनके मुंह में पानी आ गया | फिर भी वे सिपाही पौदनिया से पूछताछ करने लगे | पौदनिया विनती भरे स्वर में बोला – ” माई बाप! मैं गरीब आदमी हूं | रात को समोसे बनाता हूं, उन्हें बेचता हूं, आप तो जानते ही हैं कि कभी-कभी बाहर से व्यापारी आते-जाते हैं | आप भी चेक कर देखें यह समोसे बड़े ही स्वादिष्ट है |”
सिपाही समोसों का लालच नहीं छोड़ सके | समोसे नशीले थे | उन्होंने पेट भरकर नशीले समोसे खाए | थोड़ी ही देर में उन्हें नींद आ गई |
अब पौदनिया ने तुरंत उनके कपड़े उतारे उनके शरीर तथा बालों पर भभूत मिली और उनके कपड़े लेकर चंपत हो गया |
जब सिपाहियों की आंख खुली तो उन्हें असलियत का पता चला | वे लोग छुपते-छुपाते सीधे अपने घरों के दरवाजे पर पहुंचे | पौदनिया ने उनकी स्त्रियों को पहले ही समझा दिया था | उन्होंने जाकर देखा तो चकित रह गई | भभूत शरीर पर लगाए साधु खड़े थे | बस उन्होंने तुरंत ही उन पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए | सिपाही मकान के छज्जे की ओट में छुप गए | सुबह जब सारा रहस्य खुला तो राजा ने उन सिपाहियों को कड़ा दंड दिया |